जीवन का कोई भी पल आपको जीना सीखा सकता है
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Best Motivational Story in Hindi - जीने की कला - हेलो दोस्तों सवागत है हमारे ब्लॉग पर। आज की कहानी हम सबको हर वर्गे के वयक्ति को कुछ न कुछ सिखाएगी। Best Motivational Story in Hindi - जीने की कला इस कहानी से आपको बहुत करीब से ये सीखने को मिलेगा के आपको जीवन के फ़ैसले कैसे कब और किस तरह से लेने चाहिए। अगर आपको ये लगता है के आप बहुत ही धार्मिक व निष्ठावान व्यक्ति हैं तो आप किसी भी आयु में जाकर कैसे गलती कर सकते है, इस बात से भी चिता रही है Best Motivational Story in Hindi - जीने की कला हमारी आज की कहानी। तो चलिए जयादा वक़्त जाया न करते हुए शुरू करते है आज की हमारी कहानी Best Motivational Story in Hindi - जीने की कला।
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राजे का फरमान |
एक राजा को राज भोगते हुए काफी समय हो गया था । बाल भी सफ़ेद होने लगे थे । एक दिन उसने अपने दरबार में एक उत्सव रखा और अपने गुरुदेव एवं मित्र देश के राजाओं को भी सादर आमन्त्रित किया । उत्सव को रोचक बनाने के लिए राज्य की सुप्रसिद्ध नर्तकी को भी बुलाया गया ।
राजा ने कुछ स्वर्ण मुद्रायें अपने गुरु जी को भी दीं, ताकि यदि वे चाहें तो नर्तकी के अच्छे गीत व नृत्य पर वे उसे पुरस्कृत कर सकें । सारी रात नृत्य चलता रहा । ब्रह्म मुहूर्त की बेला आयी । नर्तकी ने देखा कि मेरा तबले वाला ऊँघ रहा है, उसको जगाने के लिए नर्तकी ने एक दोहा पढ़ा -
"बहु बीती, थोड़ी रही, पल पल गयी बिताय।एक पलक के कारने, क्यों कलंक लग जाय ।"
अब इस दोहे का अलग-अलग व्यक्तियों ने अपने अनुरुप अलग-अलग अर्थ निकाला । तबले वाला सतर्क होकर बजाने लगा ।