Thursday, February 6, 2020

माँ और आज्ञाकारी बेटे की Sachi Kahani


                    एक माँ का संकल्प जिसने बदल दी जिंदगी 

true story in Hindi

                  माँ



माँ और आज्ञाकारी बेटे की Sachi Kahani - माँ और आज्ञाकारी बेटे की Sachi Kahani - स्वागत है आपका हमारे आज के ब्लॉग पर । आज की कहानी हमें माँ व एअक बच्चे के बचपन में ही कैसे सकरत्मक ऊर्जा भरे उसकी कहने है । माँ और आज्ञाकारी बेटे की Sachi Kahani के जरिया आज के बच्चे और माताओं के लिए जीवन में अपने बचो को कैसे शिक्षा दे, ऐसे सिखने जो मिलेगा । एक माँ ही तो एक बच्चे को बचपन में ही सही दिशा दिखाती है इसी विषय पर आधारित है आज की हमारी कहानी माँ और आज्ञाकारी बेटे की Sachi Kahani । हमारा हमेशा से यह प्रयास रहता है के हम आप तक अच्छी कहनियाँ लेकर आये और उसी अंक को जोड़ती है आज माँ और आज्ञाकारी बेटे की Sachi Kahani । तो चलिए शुरू करते है ।



                                                 सच्ची कहानी तीन गहने



motivation story in Hindi
ईश्वरचंद्र विद्यासागर का गाँव 


ईश्वरचंद्र विद्यासागर का बचपन बंगाल के एक गांव में बिता। एक बारिश ईश्वरचंद्र के मन में सवाल उठा के  गांव में सभी महिलाएं अच्छे-अच्छे गहने पहनती है, लेकिन उनकी माँ कभी कोई गहना क्यों नहीं पहनती। एक दिन उन्होंने मां से बड़े प्यार से पूछा "मां तुम्हें कौन-कौन से गहने अच्छे लगते हैं ?" माँ हंसती हुई  बोली, "क्यों पूछ रहे हो बेटा ?"  ईश्वर चंद ने कहा ,ज'ब मैं बड़ा होऊंगा न  तो तुम्हारे लिए ढेर सारे गहने बनवाऊंगा।



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