कभी कभी हमें जो दीखता है वैसा होता नहीं ऐसे ही कुछ बता रही है ये कहानी
भिक्षुक |
बुद्ध भिक्षु ने कुछ ऐसे सीखा - Short Story in Hindi - हेलो दोस्तों स्वगत है आपका हमरे ब्लॉग पर। आज हम आपके लिए एक बुद्ध भिक्षु की कहानी लेकर आये है जो के आपको सिक्के के दोनों हिस्से देखना सिखाएगी। बुद्ध भिक्षु ने कुछ ऐसे सीखा - Short Story in Hindi इस कहानी में हम जब भी कोई कार्य करते है तब हम भगवन पर निर्भर होते है पर कभी भगवन का इशारा समझने मैं समर्थ नहीं होते, इसलिए ये कहानी आपको इशारा समझने का एक अवसर देगी। तो चलिए दोस्तों सुरु करते है हम आज की हमारी ये कहानी बुद्ध भिक्षु ने कुछ ऐसे सीखा - Short Story in Hindi ।
शेर लोमड़ी और भिक्षुक
एक बौद्ध भिक्षु भोजन बनाने के लिए जंगल से लकड़ियां चुन रहा था कि तभी उसने कुछ अनोखा द्रिश्य देखा। कितना अजीब है यह 'उसने बिना पैरों की लोमड़ी को देखते हुए मन ही मन सोचा'। आखिर इस हालात में यह जिंदा कैसे है ? उसे आश्चर्य हुआ और ऊपर से यह बिल्कुल स्वस्थ है।
बौद्ध भिक्षु और शेर |
वह अपने ख्यालों में खोया हुआ था कि अचानक चारों तरफ अफरा-तफरी मचने लगी जंगल का राजा शेर उस तरफ आ रहा था। भिक्षुक तेजी दिखाते हुए एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया और वहीं से सब कुछ देखने लगा। शेर ने एक हिरण का शिकार किया था और उसे अपने जबड़े में दबाकर लोमड़ी की तरफ बढ़ रहा था और शेर ने लोमड़ी पर हमला नहीं किया बल्कि उसे भी खाने के लिए मास के कुछ टुकड़े डाल दिए।
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