नैतिक मूल्यों, तो दूसरी वफादरी सिखाती है । ये दो कहानियां
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बुढ़िया की सीख |
नैतिक शिक्षा देती ये दो - Sachi Kahani - हेलो दोस्तों स्वागत है आपका अपने ब्लॉग पर।आज हम दो अलग - अलग कहानियाँ लेकर आये है। नैतिक शिक्षा देती ये दो - Sachi Kahani की पहली कहानी एक बुजुर्ग औरत की है जो राजे को उसके नैतिक मूल्य का पात पढ़ाती है। नैतिक शिक्षा देती ये दो - Sachi Kahani की हमारी दूसरी कहानी है के जिसमें एक सुलतान बताता है के वफदारी काया होती है और उसे अपने एक गुलाम सबसे ज्यादा प्यारा क्यों है। तो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पर हमें नैतिक शिक्षा देती ये दो - Sachi Kahani के जरिये काफी कुछ सिखने को मिलेगा । तो आयी चलिए शुरू करते है आज की हमारी नैतिक शिक्षा देती ये दो - Sachi Kahani ।
बुढ़िया की सीख
नैतिक शिक्षा देती ये दो - Sachi Kahani 1
एक राजे ने एक बड़ा यज्ञ करने का निश्चय किया । उसने सोचा कि इस अवसर पर राज्य के सभी गाँवों से दूध इकट्ठा करके ब्रह्मभोज किया जाए । उसने आदेश दिया कि निर्धारित तिथि को सभी किसान अपने घरों से दूध लाकर महल के बाहर रखे बर्तन में डालें । राजे ने यह भी हुक्म दिया कि उस दिन जिसके घर जितना दूध हो वह सारे का सारा लाया जाए ।
राजे के हुक्म का पालन हुआ किसी ने एक बूंद भी दूध अपने घर नहीं रखा सारा दूध महल के बाहर रखे बर्तन में डाल दिया गया । जब राजा यह देखने बहार आया तो उसे यह जानकर हैरानी हुई कि राज्य का सारा दूध आने पर भी बर्तन आधा भी नहीं भरा । उसने सिपाहियों को गांव-गांव जाकर हर घर से दूध लाने को कहा ।
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