आखिर जिंदगी में गुरु की अवस्यक्ता क्यों होती है
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सद्गुरु की महत्तता |
सद्गुरु की महत्तता - Short story in Hindi - सद्गुरु की महत्तता - Short story in Hindi - हेलो दोस्तों सवागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। आज हम बात करेंगे सद्गुरु पर। क्यों हमारी जिंदगी में सद्गुरु की जरूरत होती है। क्यों हमें हर सवाल उन से ही पूछना होता है। क्यों हम अक्सर अध्यात्म में सद्गुरु को सबसे पहले मिलने की बात करते है। सद्गुरु की महत्तता - Short story in Hindi - इस कहानी के जरिये हम आपको कुछ किस्सा बताएँगे। देश काल कोई भी क्यों ना हो। आप किसी भी संस्कृति से क्यों हो , पर सब जगह सद्गुरु की महत्तता - Short story in Hindi - की जरूरत पायी गयी है। तो चलिए दोस्तों सुरु करते है आज की कहानी सद्गुरु की महत्तता - Short story in Hindi ।
निगुरा - बिना गुरु वाला
" हिन्दुस्तान और फ़ारस में किसी को निगुरा या बे-मुर्शीदा कहना उसकी बहुत बड़ी बेइज्जती मानी जाती है । हिन्दुस्तान के शास्त्रों में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जहाँ निगुरे को स्वर्ग में प्रवेश करने से रोक दिया गया ।
ऐसे प्रसंगों में शुकदेव मुनि की वार्ता प्रसिद्ध है । वे वेदव्यास ऋषि के पुत्र थे जिन्होंने वेद और पुराणों का संग्रह किया था । वे जन्म से ही ब्रह्मज्ञानी थे और सोलह गुणों से तथा आन्तरिक शक्तियों से पूर्ण थे ।
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